chunaav ayog kya hota hai क्या आप जानना चाहते हैं कि चुनाव आयोग क्या होता है और निर्वाचन आयोग का क्या कार्य होता है और इसकी स्थापना कब की गई थी और क्या भारत सरकार के अधीन आता है या एक निष्पक्ष न्यायपालिका है अगर आप इन सब के बारे में जानना चाहते हैं और अगर आप इन सब के बारे में जानते हैं तब भी इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें क्योंकि हो सकता है आप कुछ ऐसी बातें नहीं जानते हो जो इस आर्टिकल में लिखी हो इसीलिए इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको निर्वाचन आयोग या चुनाव आयोग के बारे में विस्तार से बताएंगे
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निर्वाचन आयोग क्या है?
चुनाव आयोग की बात की जाए तो भारतीय संविधान 15 में चुनावों से संबंधित है इस संविधान में चुनाव आयोग के बारे में विस्तार से बात की गई है चुनाव आयोग की स्थापना सन 25 जनवरी 1950 को की गई थी और भारत का जो संविधान है उसमें अनुच्छेद 324 और अनुच्छेद 335 में चुनाव आयोग के सदस्यों की शक्तियां कार्यकाल और इनकी पात्रता के बारे में विस्तार से वर्णन दिया गया है
संविधान में चुनावों से संबंधित अनुच्छेद
- भारत के अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग में चुनावों के लिए निर्देशन अधीक्षण और दायित्व नियंत्रण दिया गया है
- और संविधान के अनुच्छेद 325 में किसी भी मतदाता को धर्म जाति लिंग के आधार पर उसके साथ भेदभाव ना करने और मतदाता सूची में शामिल ना करने के आधार पर मतदान के अयोग्य ठहराने का भी प्रावधान दिया गया है
- अनुच्छेद 338 में चुनावी मामलों में अदालतों को हस्तक्षेप करने के लिए bar दिया गया है
निर्वाचन आयोग की संरचना
तीन दिवस की तीन सदस्य बना दिया गया और जब इसे 3 सदस्य बनाया गया इसके कुछ समय बाद इस आयोग को एक सदस्य बना दिया गया और 1 अक्टूबर सन 1993 को इसे फिर से 3 सदस्य वाले आयोग बना दिया गया तब से चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं
चुनाव आयोग के सचिवालय की बात की जाए तो चुनाव आयोग का सचिवालय दिल्ली में स्थित है
चुनाव आयोग का जो मुख्य अधिकारी होता है वह आईएस रैंक का अधिकारी होता है और इस अधिकारी की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा ही की जाती है तथा 2 चुनाव आयुक्त जो रहते हैं उनकी नियुक्ति भी राष्ट्रपति के द्वारा ही की जाती है
इनका कार्यकाल पहले भी समाप्त हो सकता है
इन आयुक्तों को भारतीय न्यायालय यानी कि न्यायाधीश के बराबर दर्जा प्राप्त होता है और इन्हें समान वेतन भत्ते मिलते हैं
निर्वाचन आयोग के कार्य
चुनाव आयोग के द्वारा ही राज्यसभा विधानसभा और राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया तय की जाती है और इनके द्वारा ही नियंत्रण किया जाता है
इस आयोग का मुख्य काम चुनाव उपचुनाव करना और चुनाव के कार्यक्रम तय करने का होता है
और इसी आयोग के द्वारा चुनाव केंद्रों के लिए स्थान मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र तय करना और मतदान केंद्रों पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराना इन सभी का काम चुनाव आयोग के द्वारा ही किया जाता है
चुनाव आयोग के द्वारा राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना और उन्हें चुनाव चिन्ह देना और संबंधित विवादों को निपटाने का कार्य चुनाव आयोग के द्वारा ही किया जाता है
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) का महत्त्व
चुनाव आयोग सन 1952 से राज्य स्तर के चुनावों को सफलतापूर्वक करवाने और मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरुक करने का कार्य भी चुनाव आयोग के द्वारा ही किया जाता है
राजनैतिक दलों को अनुशासित करना यानी कि जो भी राजनीतिक दल है उससे एक अनुशासन में रहने का काम भी चुनाव आयोग के द्वारा ही किया जाता है
निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ
- चुनाव आयोग के समक्ष सबसे बड़ी समस्या की बात की जाए तो राजनीति में हिंसा और चुनावी दुर्भावना आज आपराधिक तत्वों का बोलबाला चुनाव में होना और काले धन का उपयोग चुनाव में होना इसके परिणाम स्वरूप राजनीति में अपराधीकरण होना यानी कि राजनीति में अपराधी का बोलबाला होना इन सब कामों से निपटना चुनाव आयोग के लिए प्रमुख चुनौती बन गई है और यह सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि भारत में अपराधिक लोग लगातार राजनीति में प्रवेश करते जा रहे हैं
- राज्य सरकार के द्वारा चुनावों में बड़ी धांधली की जाती है और जो भी सरकार होती है वह अपने फायदे के लिए चुनाव से पहले अधिकारियों का बड़े पैमाने पर ट्रांसफर करवा देती हैं जिनके कारण चुनावों में अच्छी धांधली की जा सके इन सबको निपटना भी चुनाव आयोग के लिए बड़ी समस्या बन गई है
- चुनाव के लिए सरकारी वाहनों का उपयोग निर्वाचन आयोग की आचार संहिता का लगातार उल्लंघन किया जाता है और इससे निपटना भी चुनाव आयोग के लिए काफी ज्यादा सिर दर्दी साबित हुई है
- और समय समय पर चुनाव आयोग की भूमिका पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं और यह धारणा माने जानी लगी है कि चुनाव आयोग जो होती है वहकार्यपालिका के आधीन आकर कार्य करती है
- चुनाव आयोग के ऊपर ईवीएम खराब ईवीएम को हैक करना और वोट की गिनती सही से ना होने जैसे कई आरोपों का लगना भी जनता के प्रति विश्वास कम करता है
- और वर्तमान समय की बात की जाए तो जो भी सरकार होती है यानी कि सत्ताधारी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव आयोग पर धांधली के आरोप भी लगातार लगते रहे हैं जिनके कारण विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाते रहे हैं और यह समस्या चुनाव आयोग के समक्ष भी खड़ी हुई है और इससे निपटना भी चुनाव आयोग के लिए कड़ी चुनौती बनता जा रहा है
- ईवीएम में गड़बड़ी दोस्तों यह बात तो आपने न्यूज़ में भी सुनी होगी कि कांग्रेस के द्वारा बीजेपी पर लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि बाह ईवीएम में गड़बड़ी करती है हालांकि कांग्रेस इस बात को अब तक सिद्ध नहीं कर पाई है लेकिन चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करने में भी दिक्कत आ रही है कि वह किसी भी प्रकार से यह साबित नहीं कर पा रही है कि ईवीएम में खराबी है या नहीं है यह उनकी सबसे बड़ी विफलता है
chunaav ayog kya hota hai आर्टिकल कैसा लगा
दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल chunaav ayog kya hota hai में आपको बताया है कि चुनाव आयोग क्या है और चुनाव आयोग का क्या काम होता है और चुनाव आयोग का चयन कैसे होता है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा आर्टिकल अच्छा लगता है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद